फैसला || Decision || Phaesla || Rajan Keshri ||❝ पंक्तियां; कुछ मेरी कुछ तुम्हारी | ❞
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❝ पंक्तियां; कुछ मेरी कुछ तुम्हारी | ❞
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फैसला
जिन्दगी बर्बाद करने का इरादा कर लिया |
जिन्दगी भर मन में रखने का किसीको, खुद से वादा कर लिया |
लफ्ज ने गमो को थोड़ा जादा कर दिया |
जब जिन्दगी भर इंतजार करने का किसी से वादा कर दिया |
राते जागने का गुजारा कर लिया |
जब सपने खुली आँखों से देखने का इरादा कर लिया |
अपने मन का सुकून आधा फिर आधा और आधा कर दिया |
जब हमने अपने सरतो पे जीने का खुद से वादा कर दिया |
सासों को सुनने का इरादा कर लिया |
सन्नाटे से साझेदारी का वादा कर लिया |
खुदको औरो से अलग कर लिया |
जब सबको सच बोलने का फैसला कर लिया |
अकेले रहने का इरादा कर लिया |
खुद को खुद तक रखने का खुद से वादा कर लिया |
बोलचाल कम करने का इरादा कर लिया |
जब खुद को सुनने का इरादा कर लिया |
जख्मो को रोजाना खुरेदने का इरादा कर लिया |
जब बीती बाते याद रखने का खुद से वादा कर लिया |
लंघन वालो के नाम लिखने का इरादा कर लिया |
उन्हे एक दिन बर्बाद करने का खुद से वादा कर लिया |
सिने को सिरहाने का सहारा कर दिया
कूछ इस तरह से सोने का इरादा कर लिया |
भूक ने रसोई में हमे कुछ ऐसे मोर्ड दिया |
के रसोई से जिन्दगी भर का रिश्ता जोड़ दिया |
दुश्मनों के साथ ऐसा काम कर दिया |
जब मिले हमसे ,हमने हस कर सलाम कर दिया |
दोस्तों ने एसे बदनाम कर दिया |
जब उन्होंने लहू माँगा हमसे हमारा , हमने जान उनके नाम कर दिया |
मन की बाधाओ को किनारा कर दिया |
हमने अपनी जरुरतो को आधा और आधा कर दिया |
चंचल चित्त को स्थिर बसेरा कर दिया |
नई सोच का हमने सवेरा कर दिया |
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