घर पे  रहना है 

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ये हिन्द के  थल पर केसा शोर है

ले जा रहा मानव को किस ओर है

इस हंगामे को बस दूर से सहना है

                    हमे  तो आज  बस घर पे  रहना है

 

बरकत की राह लगी  पहरी की चौकी है

मिलने जुलने की रस्म लोगो ने रोकी  है

इस प्रतिबन्ध का पालन निष्ठा से करना है

हमे  तो आज  बस घर पे  रहना है

 

आज-कल घर की छत और कोने चार

आशाओ का बना आचार कर रही है अत्याचार,

दीवारों की बंदी को स्यम से  सहना है

हमे  तो आज  बस घर पे  रहना है

 

दुनिया भर मे बिछा आज  घनघोर सनाटा है

दुनिया भर का दुख दुनिया ने बाटा है

इस संधि का पालन सिस्ठा से करना है

हमे  तो आज  बस घर पे  रहना है


मजबूर है जन जन बेसुध  है मन मन

बंद है खंड खंड बाहर है दंड दंड

दंड न मिले इस अनुसास्न से  रहना है

हमे  तो आज  बस घर पे  रहना है

 

हिन्द सभ्यता अनेक रंगो की फुलकारी है

रंग बिरंगे धागों की बड़ी गहरी साझेदारी है

रंग बिरंगी धागों को बन्धुत्व से रहना है

हमे  तो आज  बस घर पे  रहना है

 

क्या करे कैसे करे बातो का सोच विचार

कब आता था इतवार कब आएगा अब सोमवार

आजादी के  सोमवार की आस मे रहना है

हमे  तो आज  बस घर पे  रहना है

 

आज गुसे मे पेट बोल उठा गडगड गडगड

रोज़ नाचते सर पर चन्ने समौसे पिज़्ज़ा बर्गर

दिमाग बोला चुप्प्चाप खाले बिना खाए क्या मरना हे

हमे  तो आज  बस घर पे  रहना है

 

 

सर्फ साबुन की खुसबू महका रही तन मन

खनक रहे रिश्ते नाते खनक रहे भांडे बर्तन

बर्तनों के  शोर को कूच दिन सहना है

हमे  तो आज  बस घर पे  रहना है

 

बिस्तर बोल उठा दबा तुम्हारे वजन के मरे

मालिक क्या आप जिंदा हो या परलोक सिधारे

बोला  मेने कूछ और दिन दुख सहना है

हमे  तो आज  बस घर पे  रहना है

 

उलफत हुई जिंदगी अब, दुआएं कर जिना है

 कुबूल होगी दुआ ये रमजान का महिना है

ज़िंदगी का  हलाहल अब सिवा  ने पीना है

हमे  तो आज  बस घर पे  रहना है

 

दूर है हम जरुर , कोशिश साथ करना है

दोहज़्त की दरिया को साथ पार करना है

लैहरो से लड़कर नईया को पार लगाना है

हमे  तो आज  बस घर पे  रहना है

 

                                                   राजन केसरी

घर पे  रहना है

About the poem /कविता के बारे में

The following topic was covered in this poem:-

1) Lockdown,

2)Lockdown Life

3)Lockdown diaries

4) Lockdown feelings

5) Relationships in lockdown

6)Home life in Lockdown

7)Family problem In lockdown

8)Hope

9) fear in lockdown

10)Religion

11)Indians Situatuation during lockdown