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अजीब आँखें

Weird eyes

अजीब आँखें


ये आँखें भी बड़ी अजीब होती हैं !

कभी ये हृदय को धीर दे |

कभी कटार सी चिर दे |

 

ये आँखें भी बड़ी अजीब होती हैं !

कभी ये किसी को आग दे |

कभी ये सिने में  छरा दाग दे |

 

ये आँखें भी बड़ी अजीब होती हैं !

कभी जख्मो से जल जाती हैं |

कभी दर्द में पिंगल जाती हैं |

 

ये आँखें भी बड़ी अजीब होती हैं !

कभी रातभर  सूरज की आश में रहती हैं |

कभी दिनभर चाँद की प्यास में रहती हैं |

 

ये आँखें भी बड़ी अजीब होती हैं !

कभी किसी कि याद में तरस जाती हैं |

कभी किसी कि याद में बरस जाती हैं |

 

ये आँखें भी बड़ी अजीब होती हैं !

कभी किसी को देख कर भभक जाती हैं |

कभी किसी को देख कर चमक जाती हैं |

 

ये आँखें भी बड़ी अजीब होती हैं !

कभी बिना कहे सब कुछ बता देती हैं |

कभी लाख पूछने पर भी सब कुछ छुपा लेती हैं |

 

ये आँखें भी बड़ी अजीब होती हैं !

कभी ये  रोशनी में  देख नही पाती हैं |

कभी ये अंधेरे में सदियां देख लेती हैं |

 

ये आँखें भी बड़ी अजीब होती हैं !

कभी इनकी बूंदे  जान लेती हैं |

कभी ये तुफानो को बांध लेती हैं |

 

ये आँखें भी बड़ी अजीब होती हैं !

कभी किताबों को छान लेती हैं |

कभी एक खत में जिया थाम लेती हैं |

 

ये आँखें भी बड़ी अजीब होती हैं !

कभी कोरे कागज को देख मचल जाती हैं |

कभी रंगों को देख कर खिल जाती हैं |

 

ये आँखें भी बड़ी अजीब होती हैं !

कभी ये किसी से  डर जाती हैं |

 कभी किसी को डरा देती हैं |


ये आँखें भी बड़ी अजीब होती हैं !

कभी फड़फड़ाती फिरती हैं |

कभी किसी पे थम जाती हैं |

 

ये आँखें भी बड़ी अजीब होती हैं !

कभी काफी कुछ कह जाती हैं |

कभी काफी कुछ सह जाती हैं |

 

ये आँखें भी बड़ी अजीब होती हैं !

कभी किसी को दग़ा देती हैं |

कभी किसी से दिल लगा देती हैं |

 

ये आँखें भी बड़ी अजीब होती हैं !

कभी किसी बेढंगे हो सवार देती हैं |

कभी किसी शाहसी को एक झपक पे मार देती हैं |

 

ये आँखें भी बड़ी अजीब होती हैं !

कभी किसी कुवारे  को आशिक बना देती हैं |

कभी किसी अजनबी को आवारा बना देती हैं |

 

ये आँखें भी बड़ी अजीब होती हैं !

कभी ये किसी नासूर का वैद बन लेती हैं |

कभी ये किसी बेचारे को कैद कर लेती हैं |

 

ये आँखें भी बड़ी अजीब होती हैं !

कभी कोई इनमे समाने को पछताता हैं |

कभी शायद ही कोई इनकी कैद से निकल पाता हैं |

 

ये आँखें भी बड़ी अजीब होती हैं !

कभी इनसे किसी को देख लेते हैं |

कभी ख्वाबो से इनको सेक लेते हैं |

 

ये आँखें भी बड़ी अजीब होती हैं !

कभी ये लड़ कर बीमार होते हैं |

कभी ये लड़ कर दो से चार होते हैं |

 

ये आँखें भी बड़ी अजीब होती हैं !

कभी गुस्से में ये लाल पीले होते हैं |

कभी हस-हस कर ये गिले होते हैं |

 

ये आँखें भी बड़ी अजीब होती हैं !

कभी नींद से ढीले होते हैं |

कभी बंदा गिरा दे ये इतने नशीले होते हैं |

 

ये आँखें भी बड़ी अजीब होती हैं !

कभी  रात को ये चादर ओढ़ लेते हैं |

कभी हंसते- हंसते ये दुनिया छोड़ देते हैं |

 

 राजन केसरी 

 

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